होटल के कमरे में आग से जिंदा जलने से हुई केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के अवर अभियंता मोहित की मौत ने हर किसी को हैरान कर दिया है। पुलिस की शुरुआती जांच में जिस तरह की बातें निकलकर सामने आई है, उससे ये साफ है कि मोहित मानसिक तौर पर टूट चुका था। उसने आखिरी बार अपने पिता को भी कहा था कि उसे सत्य की खोज में जाना है।
26 अगस्त को वह लापता हो गए। इन बातों से ये भी साफ है कि मोहित ने खुद ही ये आत्मघाती कदम उठाया है। मगर इसके पीछे की सच्चाई जानने के लिए अभी पुलिस और सवालों के जवाब तलाश रही है।पुलिस के अनुसार, 25 वर्षीय मोहित कुछ साल पहले इंजीनियरिंग करने के बाद सीपीडब्ल्यूडी में अवर अभियंता के पद पर चयनित हुआ था।
पंजाब के बठिंडा में तैनाती के दौरान अच्छा खासा जीवन व्यतीत हो रहा था। मगर बाद में व्यवहार में परिवर्तन आ गया। बीते 26 अगस्त को अपने कमरे पर मोबाइल छोड़कर अचानक गायब हो गया। इसका पता चलने के बाद परिजनों ने पंजाब पहुंचकर पुलिस में गुमशुदगी दर्ज कराई, मगर कोई लोकेशन नहीं मिल पा रही थी। बृहस्पतिवार की सुबह हरिद्वार पहुंचकर मोहित ने होटल में सुबह 11:30 बजे कमरा लिया। जहां उसने एक अपना मोबाइल नंबर तो दूसरा अपने पिता का नंबर दर्ज कराया।
करीब दो डेढ़ घंटे बाद कमरे से धुआं निकलता देख होटल स्टाफ आग बुझाने दौड़ा
कमरे में जाने के बाद उसने अंदर से कुंडी लगा ली। फिर करीब दो डेढ़ घंटे बाद कमरे से धुआं निकलता देख होटल स्टाफ आग बुझाने दौड़ा। दरवाजा तोड़कर जब तक पुलिस व होटल कर्मी अंदर पहुंचे तो मोहित की जलकर मौत हो चुकी थी। पुलिस की मानें तो घटना के बाद जब पुलिस ने परिजनों से संपर्क साधा तो तब चौंकाने वाली बातें सामने आई। पुलिस को मोहित के पिता ने जानकारी दी कि वह अजीब बातें कर रहा था। उसने लास्ट बार कहा था कि उसे सत्य की खोज में जाना है। मगर आखिर ऐसी क्या वजह रही होगी कि वह इस तरह की बातें करने लगा। अब पुलिस प्रेम प्रसंग सहित कई अन्य पहलुओं पर जांच कर रही है।
तो पहले से तैयारी करके आया था मोहित
होटल के रजिस्टर में अपने अलावा पिता का नंबर दर्ज कराने से ये बात भी पुलिस मान रही है कि मोहित पहले से ही पूरी तैयारी करके आया था। पुलिस का मानना है कि आत्मघाती कदम उठाने के बाद परिजनों तक जानकारी आसानी से पहुंच जाए, इसलिए उसने अपने पिता का नंबर भी दर्ज कराया होगा।
जिस कमरे में मोहित ठहरा था, आग से उसकी हालत भी बदहाल हो गई। पंखें, एसी, बेड, गद्दे सहित अन्य सामान पूरी तरह जलकर राख हो गया। यही नहीं, दीवारें भी पूरी तरह बेकार हो गई। आग के बाद कमरे की हालत खंडहर जैसी हो गई।