तेज बारिश हो रही थी तभी अचानक बिजली गायब हो गई। फिर तेज आवाज आई और देखा तो चारों ओर धुंध थी। तभी छह माह के बच्चे समेत पूरा परिवार जंगल की ओर भागा और पूरी रात बाहर ही रहा। रात के तीन बजे थे, अचानक एक तेज आवाज आई। तीन मिनट के उस मंजर ने सब कुछ तबाह कर दिया।
अगर पहली आवाज सुन जंगल की ओर न आते तो शायद हम भी आपदा का शिकार होते। ये मंजर विनोद और उनके परिवार ने बयां किया। छह महीने के बच्चे को लेकर पूरा परिवार बेघर हो चुका है।
प्रशासन ने प्रभावितों को प्राइमरी स्कूल में शिफ्ट किया है।
विनोद ने बताया कि पहले भी आपदा आई लेकिन कभी बेघर हुए विनोद और उनके परिवार ने बयां किया उस रात का मंजर ऐसा मंजर नहीं देखा।
छह महीने के बच्चे के अलावा भी उनकी पांच, 10 और 12 साल की बेटियां हैं। विनोद ने बताया कि परिवार में 17 लोग हैं जो सभी बेघर हो चुके है।
आपदा का मंजर बताते हुए विनोद के परिवार की एक महिला का दर्द भी छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि सब कुछ खत्म हो गया।
हमारा घर, जमीन सब कुछ। मेहनत से घर बनाया था। अब समझ नहीं आ रहा कैसे बच्चों का पालन पोषण करें।