Uttarakhand: बारिश धुल के गई प्रदूषण के कण, साफ हुई आबोहवा, इस साल अक्तूबर में सामान्य से 75 % ज्यादा बरसे मेघ

इस वर्ष अक्तूबर में हुई लगातार बारिश से एक तरफ जहां तापमान में गिरावट आई है, वहीं इसका सीधा असर दून की आबोहवा में भी देखने को मिला है। भले ही इस साल की बारिश देहरादून समेत उत्तराखंड के कई इलाकों में दर्द देकर गई, लेकिन दीपावली से पहले बारिश ने हवा में मौजूद धूल-कणों और प्रदूषकों को धोकर वातावरण को स्वच्छ बना दिया है।

यही वजह है कि इस अक्तूबर में अभी तक बीते वर्षों की तुलना में अधिक सुधार देखने को मिला है। एक्यूआई के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं। 2024 के 12 अक्तूबर को दून का एक्यूआई 54 था। इससे पहले साल 2023 में यहां का एक्यूआई 89 रिकॉर्ड किया गया था। जबकि इस साल यह आंकड़ा 49 दर्ज किया गया।

इसी तरह पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर की बात करें तो उसके भी 2025 के आंकड़े बीते दो वर्ष की तुलना में बेहतर हैं। बीते 12 अक्तूबर को पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 29.24 और पीएम 10 का स्तर 33.51 ही है। जबकि साल 2024 में इस दिन पीएम 2.5 28.57 और पीएम 10 53.72 तक पहुंच गया था। मौसम वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने बताया, बारिश प्राकृतिक एयर प्यूरीफायर की तरह काम करती है। अत्यधिक वर्षा से वायुमंडल में तैरते प्रदूषक कण जमीन पर बैठ जाते हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में सुधार होता है।

दीपावली के अगले दिन बिगड़ी थी दून की आबोहवा

बीते साल दीपावली के अगले दिन दून की आबोहवा में बेहद बिगड़ गई थी। आंकड़ों पर नजर डाले तो 31 अक्तूबर 2024 को दून का एक्यूआई 333 पहुंच गया था। जबकि पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 163.48 और पीएम 10 का स्तर 205.03 था।

बीते साल दीपावली से सप्ताह भर पहले ही बिगड़ने लगी थी हवा

इस साल अक्तूबर में हुई बारिश से दून की हवा साफ हुई है। जबकि बीते साल दीपावली से पहले यहां की हवा बिगड़ने लगी थी। दीपावली से स्पताह भर पहले दून का एक्यूआई का स्तर येलो था। आंकड़ों की बात करें तो 22 अक्तूबर को यहां का एक्यूआई 175 दर्ज किया गया था। जबकि पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 82.35 और पीएम 10 का स्तर 125.39 था।

 

दून 56 फीसदी अधिक हुई बारिश

बीते वर्ष की तुलना में इस बार बारिश ने नया रिकॉर्ड बनाया है। आंकड़ों की बात करें तो अभी तक अकेले देहरादून में सामान्य से 56 फीसदी अधिक बारिश हुई है। जबकि सबसे अधिक बारिश बागेश्वर में हुई। यहां 16 अक्तूबर तक बारिश का आंकड़ा 67.5 एमएम रहा, जो सामान्य से 314 फीसदी अधिक है। दूसरे नंबर पर चमोली जिला है। यहां 52.7 एमएम बारिश हुई, जो सामान्य से 279 फीसदी ज्यादा है।

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