खूबसूरत वादियों में बसे मजाडा गांव का मंजर आपदा के बाद खौफनाक नजर आ रहा है। कभी पहाड़ की वादियां पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र थीं लेकिन सोमवार की रात बादल फटा और पल भर में पूरा गांव उजड़ गया। गांव में बारिश और बादलों की हर गड़गड़ाहट लोगों को डरा रही है। दहशत ऐसी है कि अब एक भी परिवार गांव में रुकने का जोखिम नहीं लेना चाहता।
सहस्रधारा से करीब आठ किलोमीटर दूर स्थित मजाडा गांव में आपदा ने खूब तबाही मचाई। घर टूटे पड़े हैं तो कुछ दबे हुए हैं। चारों ओर बड़े-बड़े पत्थर और बोल्डर हैं। तबाही का मंजर लोगों के रोंगटे खड़े कर रहा है।
गांव के ज्यादातर परिवार दूसरी जगह जा चुके हैं। कुछ एक घर ही ऐसे हैं जो सुरक्षित बचे हैं। दूसरी जगह शिफ्ट हुए कुछ लोग हर सुबह आकर अपने पशुओं को चारा पानी दे रहे हैं। गांव में रास्ते भी बह चुके हैं। आशियाने खंडहर में तब्दील हो गए हैं। तीन दिन बाद भी लोगों में खौफ है। लोगों का कहना है कि गांव में सब कुछ उजड़ चुका है। अब सरकार ही दूसरी जगह पूरे गांव को बसाए। इस गांव में करीब 45 परिवार रहते हैं। सात से दस घर ऐसे हैं जो ढह गए हैं।
अब डरा रही पहाड़ों की दरार, खतरा बरकरार
मजाडा गांव में पहाड़ों में दरार आ गई है। लोगों का कहना है कि दरार इतनी है कि देखकर ही डर लग रहा है। ऐसे में हर समय खतरा बरकरार है। दरार के कारण बचा हुआ गांव भी ढह सकता है। ऐसे में आनी वाली पीढि़यों के लिए गांव में कोई नहीं रहना चाहता। सब गांववासी दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने की मांग कर रहे हैं।
सुमित्रा रावत ने कहा कि मजाडा में रहना अब सुरक्षित नहीं है। आज से पहले कभी इतनी बड़ी आपदा नहीं आई। रोजगार तक छूट चुका है। आपदा ने हमारा सब कुछ छीन लिया है। वहीं, कमला देवी कहती हैं कि आपदा के बाद अब गांव के पहाड़ में मोटी दरार आ चुकी है। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है। अब इस गांव में कोई रहना नहीं चाहता। सरकार दूसरी जगह गांव को शिफ्ट करे।