रेबीज संक्रमित मरीज की सोमवार सुबह करीब सात बजे मौत हो गई। युवक को एम्स में भी राहत नहीं मिली थी। लिहाजा उसके परिजन उसे एक निजी अस्पताल ले गए थे। वहां पर उसने दम तोड़ दिया। दून अस्पताल में रविवार को रेबीज के गंभीर लक्षण दिखने वाले युवक को लाया गया था। करीब तीन घंटे तक उसे दून अस्पताल में उपचार दिया गया था। बाद में हालत बिगड़ने पर उसे एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया था।
रेबीज का नहीं है कोई उपचार
डॉ. आरएस बिष्ट के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति रेबीज की चपेट में आ जाए तो उसका कोई उपचार नहीं है। ऐसे में लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी है। अगर किसी को गली या फिर पालतू कुत्ता काटता है तो उसे जरूरी तौर पर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाना चाहिए।
डॉ. आरएस बिष्ट के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति रेबीज की चपेट में आ जाए तो उसका कोई उपचार नहीं है। ऐसे में लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी है। अगर किसी को गली या फिर पालतू कुत्ता काटता है तो उसे जरूरी तौर पर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाना चाहिए।
दून अस्पताल में हर रोज वैक्सीन लगवाने पहुंच रहे 35 लोग
दून अस्पताल के आपात चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित अरुण ने बताया कि अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने हर रोज करीब 35 लोग पहुंच रहे हैं। इनमें से 10 से 12 लोग गंभीर घायल होते हैं जिनको एंटी रेबीज के साथ ही सीरम भी लगाना पड़ता है। इन दिनों कुत्ते काटने के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है।