देश में ही तैयार ‘आकाश’ सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली ने गुरुवार को भारतीय शहरों को निशाना बनाकर किए गए पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को नकाम करने में अहम भूमिका निभाई है। 8 मई और 9 मई की दरम्यानी रात भारतीय सेना ने पश्चिमी सीमा और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से किए गए कई ड्रोन हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम किया और उनका जवाब दिया।
मामले से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना और वायुसेना दोनों ने पाकिस्तान सीमा पर मिसाइल प्रणाली तैनात की है। रक्षा अधिकारियों ने कहा, ‘भारत में निर्मित आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल वायु रक्षा प्रणाली का भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा भारतीय लक्ष्यों पर पाकिस्तानी हमलों को विफल करने में प्रभावी ढंग से उपयोग किया गया है। भारतीय सेना और वायु सेना दोनों के पास पाकिस्तान सीमा पर मिसाइल प्रणाली है।’
‘आकाश’ को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया। डीआरडीओ की ओर से विकसित ‘आकाश’ एक मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है। इसे डीआरडीओ और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड की ओर से निर्मित मिसाइलों द्वारा विकसित किया गया है।
‘आकाश’ बैटरी मिसाइल प्रणाली 18,000 मीटर की ऊंचाई पर 45 किलोमीटर दूर तक के विमानों को निशाना बना सकती है। इसमें लड़ाकू जेट, क्रूज मिसाइल और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों के साथ-साथ बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे हवाई लक्ष्यों को बेअसर करने की क्षमता है।
‘आकाश’ में एक राजेंद्र 3डी पैसिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड ऐरे रडार और चार लॉन्चर होते हैं। इनमें से प्रत्येक में तीन मिसाइलें होती हैं। यह सभी आपस में जुड़ी होती हैं। प्रत्येक बैटरी 64 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और उनमें से 12 पर हमला कर सकती है।
आकाश की खासियत
वॉर हेड: 60 किलोग्राम प्री-फ्रैगमेंटेड हाई एक्सप्लोसिव वॉर हेड
प्रणोदन: सॉलिड बूस्टर और इंटीग्रल रॉकेट/रैमजेट सस्टेनर मोटर
ऑपरेशनल रेंज: 45 किमी
अधिकतम गति: मैक 3.5
गाइडेंस सिस्टम मिड कोर्स: डेटालिंक के साथ कमांड मार्गदर्शन
टर्मिनल: सक्रिय रडार होमिंग
लॉन्च प्लेटफॉर्म: T-72 या BMP-2 चेसिस या हैवी मोबिलिटी ट्रक