Weather Report : यूरोप में मार्च महीना रहा सबसे ज्यादा गर्म , मौसम एजेंसी कॉपरनिकस का दावा

यूरोप की मौसम और जलवायु परिवर्तन की जानकारी देने वाली एजेंसी कॉपरनिकस ने दावा किया है कि मार्च में वैश्विक तापमान ऐतिहासिक तौर पर ज्यादा रहा। यह यूरोप का अब तक का सबसे गर्म मार्च महीना दर्ज किया गया है। वहीं वैश्विक तौर पर मार्च 2025 दूसरा सबसे गर्म मार्च का महीना रहा। वैश्विक गर्मी में उछाल के चलते 2023 और फिर 2024 को रिकॉर्ड पर सबसे गर्म साल दर्ज किया गया।

यूरोपीय मौसम एजेंसी के अनुसार, मार्च 2025 का महीना औद्योगिक काल से पहले के मार्च की तुलना में 1.6 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रहा। मौसम वैज्ञानिकों ने बढ़े हुए तापमान पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हम मानव जनित जलवायु परिवर्तन की चपेट में हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि अब तापमान में हर एक डिग्री सेल्सियस तापमान की बढ़ोतरी से लू, भारी बारिश और बाढ़ जैसी समस्याओं की निरंतरता और भयावहता बढ़ जाएगी। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन से मध्य एशिया में गर्मी बढ़ी, जिससे अधिक बारिश वाली परिस्थितियों को बढ़ावा दिया। इससे अर्जेंटीना में भारी बारिश के चलते 16 लोगों की मौत हो गई।

वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन सिर्फ तापमान बढ़ने के बारे में ही नहीं है बल्कि इससे वायुमंडल में अधिक वाष्पीकरण, वातावरण में अधिक नमी होती है, इससे चक्रवातों को ऊर्जा मिलती है और वैश्विक वर्षा पैटर्न में बदलाव से बाढ़ का खतरा बढ़ता है। वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि 2024 की शुरुआत में एल नीनो घटना के चरम पर पहुंचने के बाद असाधारण गर्मी का दौर कम हो जाएगा और स्थितियां धीरे-धीरे ला नीना चरण में बदल जाएंगी। लेकिन वैश्विक तापमान लगातार ऊंचा बना हुआ है, जिससे वैज्ञानिकों के बीच इस बात पर बहस छिड़ गई है कि अन्य कौन से कारक हैं जो उम्मीदों से ज्यादा गर्मी को बढ़ा रहे हैं।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *