Haldwani : अब सांप के काटने पर वन महकमा बचाएगा लोगों की जान, इस टोल फ्री नंबर पर करें फोन, तुरंत पहुंचेगी टीम

हल्द्वानी: सांप के काटने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसको देखते हुए अब उत्तराखंड वन विभाग ने प्लान तैयार किया है. प्लान के तहत अब सांप के काटने पर वन विभाग तुरंत उनको स्नेक एंटी वेनम इंजेक्शन उपलब्ध करा रहा है. जिससे लोगों को तुरंत इलाज मिल सके और समय रहते उनकी जान को बचाया जा सके. वहीं वन विभाग ने साथ ही टोल फ्री नंबर 1800 180 4075 भी जारी किया है. जिससे लोगों तक तत्काल वन विभाग की टीम पहुंच सके.

घर तक पहुंचाई जाएगी स्नेक एंटी वेनम इंजेक्शन: बताया जा रहा है कि समय पर स्नेक एंटी वेनम नहीं मिलने के कारण अधिकतर मामलों में लोगों को जान गंवानी पड़ती है. ऐसे में सांप के काटने की सूचना पर अब वन विभाग की टीम तत्काल व्यक्ति के घर पहुंचकर स्नेक एंटी वेनम इंजेक्शन को पहुंचाएगी.

ट्रोल फ्री नंबर किया जारी: वहीं वन डिवीजन की सभी रेंज व महत्वपूर्ण चौकियों में एंटी वेनम उपलब्ध रहेगा जो जरूरत पड़ने पर पीड़ित को दिया जाएगा, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके. वन विभाग ने इसके लिए बाकायदा टोल फ्री नंबर भी जारी किया है. जिसके तहत लोग सांप काटने के साथ-साथ अन्य घटनाओं पर टोल फ्री नंबर के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं.

अभाव में जाती है लोगों की जान: डीएफओ तराई पूर्वी वन प्रभाग हिमांशु बागड़ी ने बताया कि सांप की काटने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. जिसमें देखा गया है कि एंटी वेनम इंजेक्शन के अभाव में कई बार लोगों की जान चली जाती है. वन विभाग अब सांप के काटने पर लोगों का तुरंत इलाज कराएगा. विभाग की ओर से रेंजर्स कार्यालय और वन चौकियों में स्नेक एंटी वेनम इंजेक्शन रखी जाएंगी. सांप के काटने पर वनकर्मी तुरंत व्यक्ति को इंजेक्शन लगाएंगे. इसके लिए वनकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है.

कई बार हॉस्पिटलों में नहीं मिलता इंजेक्शन: इसके अलावा वन विभाग से इंजेक्शन ले जाकर स्थानीय डॉक्टर के माध्यम से भी एंटी वेनम इंजेक्शन को लगा सकते हैं. जिससे सांप के जहर को तुरंत कम किया जा सके. उन्होंने बताया कि कई बार देखा गया है कि सांप के काटने पर पीड़ित व्यक्ति को समय से इलाज नहीं मिल पाता है और अस्पताल में भी एंटी वेनम इंजेक्शन नहीं होने के चलते लोगों की जान चली जाती है. जिसको देखते हुए अब वन विभाग ने इस कार्य योजना की शुरुआत की है. शुरुआती चरण में तीन हजार इंजेक्शन मंगाए गए हैं, जो अलग-अलग रेंज और और वन विभाग के चौकियों में उपलब्ध कराए गए हैं.

तराई के जंगलों में जहरीले सांपों का डेरा: तराई के जंगलों में अत्यधिक जहरीले सांपों का डेरा है यहां सांपों की 40 से अधिक प्रजातियां मिलती हैं. इनमें किंग कोबरा, करैत, रसेल वाइपर, रेड कुकरी जैसे खतरनाक सांप शामिल हैं. इनमें रसेल वाइपर तो इतना खतरनाक है कि इसके डसते ही कुछ ही देर में व्यक्ति की हालत बिगड़ जाती है. उन्होंने बताया कि सांपों के पकड़ने के लिए वन विभाग की रेस्क्यू टीम भी तैनात की गई है, जो सूचना पर सांपों को पकड़ कर सुरक्षित जगह पर छोड़ने का काम भी करती है. इसके लिए बाकायदा टोल फ्री नंबर जारी किया गया है. जिसके तहत सांप काटने व रेस्क्यू करने और मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना होने पर टोल फ्री नंबर 1800 180 4075 पर सूचित कर सकते हैं.

सांप के काटने से इतने लोग गवां चुके जान: आंकड़ों की बात करें तो तराई पूर्वी वन प्रभाग में बीते वर्ष 2023 से लेकर अभी तक सांपों के काटने से 28 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि वन विभाग की टीम द्वारा ढाई हजार से अधिक सांपों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगहों पर छोड़ा गया है.

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