Delhi: नीति आयोग की बैठक में सीएम धामी हुए शामिल….इन मुद्दों पर सीएम धामी ने रखी बात

दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक हुई.इस बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए. यहां उन्होंने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में उत्तराखंड निरंतर कार्य कर रहा है. उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील राज्य है. केन्द्रीय बजट में इसके लिए विशेष वित्तीय प्रावधान किये जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया.मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हाल ही में जारी सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स इंडेक्स रैंकिंग में उत्तराखंड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो राज्य के लिए गर्व का विषय है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य ने समान नागरिक संहिता विधेयक को उत्तराखंड में पारित किया है.

सीएम धामी ने की पीएम कृषि सिंचाई योजना की मांग
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति प्रदान करने तथा लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी के प्रस्ताव को पूर्वोत्तर राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लागू करने का अनुरोध किया. पीएम कृषि सिंचाई योजना की गाइडलाइन्स में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने के लिए भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया.मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग तथा क्लाईमेट चेंज जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी हमें विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. इसके दृष्टिगत उत्तराखण्ड सरकार ईकोलॉजी और ईकॉनॉमी के समन्वय से विकास योजनाओं को संचालित करने पर विशेष ध्यान दे रही है. राज्य में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी जारी करने की शुरूआत की गई है.

जल संरक्षण पर विशेष कार्य की है जरूरत- धामी
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कई शहरों में पेयजल का गंभीर संकट दिखाई दिया है, इस समस्या के समाधान के के लिए भू जल स्तर बढ़ाने के साथ-साथ जल संरक्षण पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता है. उत्तराखंड में इसके लिए स्प्रिंग एंड रिवर रिज्यूविनेशन ऑथोरिटी का गठन किया है, जो जल संरक्षण और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़े जाने की परियोजना पर कार्य कर रही है. उन्होंने इसके लिए केन्द्र सरकार से विशेष वित्तीय सहायता एवं तकनीकि सहयोग का अनुरोध किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है, जिसके लिए कलस्टर आधारित इंक्यूबेशन सेंटर तथा ग्रोथ सेंटर महत्वपूर्ण साबित होंगे. उत्तराखंड में पायलट प्रोजक्ट के रूप में दो रूरल इंक्यूबेशन सेंटर तथा 110 ग्रोथ सेंटर स्थापित किये गये हैं. उन्होंने इंक्यूबेशन सेंटर्स स्थापित करने के लिए केन्द्र सरकार से तकनीकी और वित्तीय सहयोग के लिए अनुरोध किया.

एआई रेडीनेस और क्वांटम रेडीनेस पर विशेष ध्यान देने की जरुरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी विकसित राष्ट्र में उनके शहरी क्षेत्र ग्रोथ इंजन के रूप में विशेष योगदान देते हैं. रोजगार सृजन बड़े शहरों में अधिक होता है, जिस कारण इन शहरों में अत्यधिक जनसंख्या के कारण मूलभूत सुविधाएं देना कठिन हो जाता है. इस समस्या के समाधान के लिए देश के विभिन्न शहरों के बीच काउंटर मैग्नेट एरियाज विकसित करने होंगे. उन्होंने कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत की संकल्पना शोध विकास एवं नवाचार के लिए एआई रेडीनेस और क्वांटम रेडीनेस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

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