दिल्ली पुलिस जीटीबी अस्पताल गोलीबारी कांड के शूटरों की जोरशोर से तलाश कर रही है। इस बीच एक और आरोपी को पकड़ा गया है। उससे पूछताछ की जा रही है। वहीं पूर्व में पकड़े गए दो आरोपियों फैज और फरहान ने पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं। पुलिस ने फैज (20) को यूपी के लोनी से जबकि फरहान को दिल्ली के चौहान बांगर इलाके से गिरफ्तार किया था। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फैज और फरहान ने अस्पताल में गोली नहीं चलाई थी। इन्होंने केवल शूटरों को मदद पहुंचाई थी।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हमलावर पिछले साल तिहाड़ जेल में हुई एक लड़ाई का बदला लेने के लिए वसीम नाम के एक बदमाश को मारने के लिए जीटीबी अस्पताल में पहुंचे थे। वारदात से पहले वसीम उसी वार्ड में भर्ती था जिसमें 32 वर्षीय रियाजुद्दीन का इलाज चल रहा था। वसीम की पत्नी ने डॉक्टरों से पति को प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट करने की गुहार लगाई थी। उसकी पत्नी का कहना था कि उसके पति की जान को खतरा है। कुछ लोग उसके पति वसीम को अस्पताल में घुसकर गोली मार सकते हैं।
संयोगवश वारदात से पहले डॉक्टरों ने वसीम को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया था। पुलिस ने बताया कि हमलावर रविवार को अस्पताल में वसीम को मारने के लिए घुसे थे लेकिन गलत पहचान के कारण रियाजुद्दीन की हत्या कर दी। वसीम और रियाजुद्दीन दोनों के पेट का ऑपरेशन हो रखा था। दोनों का बेड भी वारदात से पहले पास-पास था। माना जा रहा है कि शूटर ने रियाजुद्दीन को वसीम समझ कर गोली मारी थी।
एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि वसीम हाशिम बाबा गिरोह का सदस्य था, लेकिन एक लड़ाई के कारण उसने बगावत कर दी थी। वह गिरोह से अलग हो गया था। जांच अधिकारियों का मानना है कि उसने छेनू गिरोह के लिए काम करना शुरू कर दिया था। लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसे 2022-23 में गिरफ्तार कर के जेल भेज दिया था। जेल में रहते हुए उसने कथित तौर पर बाबा गिरोह के सदस्यों पर ब्लेड से हमला किया था। इसी वजह से गिरोह उसे मारना चाहता था।
मुख्य शूटर समेत अस्पताल में घुसने वाले चार हमलावर अभी भी फरार बताए जाते हैं। अधिकारियों की मानें तो गैंगस्टर वसीम जो जमानत पर बाहर था, उसने कुछ महीने पहले गैंगवार के चलते हाशिम बाबा को जान से मारने की धमकी दी थी। हाशिम बाबा के करीबी फहीम ने पिछले महीने वसीम को जान से मारने की योजना बनाई थी। इस वारदात को अंजाम देने के लिए उसने शूटरों को बाबरपुर इलाके में अपने फ्लैट पर बुलाना शुरू कर दिया था। वसीम शास्त्री पार्क इलाके का बदमाश बताया जाता है। उसने गिरोह बनाना शुरू कर दिया था।