इंजीनियर की देखरेख में ड्रग्स का प्लांट, किसी इंडस्ट्री की तरह प्रोडक्शन; ATS की रेड, वीडियो

गुजरात में ड्रग्स की फैक्ट्री का पता चला है। इस फैक्ट्री पर रेड मारने के बाद एटीेएस की टीम ने बताया कि किसी इंडस्ट्री के लिए लगाए जाने वाले मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की तरह ही यहां ड्रग्स का प्लांट लगा दिया गया था। छापेमारी के बाद गुजरात ATS ने ऐसे-ऐसे खुलासे किए हैं जिन्हें सुनकर आपके भी होश फाख्ता हो जाएंगे। ATS गुजरात के डिप्टी एसपी, शंकर चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘एटीएस के अधिकारियों को सूचना मिली थी कि MD ड्रग्स बनाने वाली एक फैक्ट्री में ड्रग्स बनाया जा रहा है। जिसके आधार पर दो इंस्पेक्टरों की टीम बना गई। दोनों ही टीमों में 3-3 सब-इंस्पेक्टर थे। इस टीम ने बुधवार को रेड मारी थी।

3 आरोपी पकड़ाए

इसके बाद गुजरात एटीएस ने सूरत रूरल में इस फैक्ट्री वाली जगह पर रेड मारी। वहां से 4 किलो ठोस ड्रग्स और 31 किलोग्राम लिक्विड ड्रग्स बरामद किया गया। इसमें 2 आरोपियो को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद एक अन्य आरोपी को पकड़ा गया है। जिन आरोपों को गिरफ्तार किया गया है उनमें वापी का रहने वाला सुनील नारायण यादव और सूरत का रनहने वाला विजय शामिल है। इसके अलावा एक अन्य आरोपी हरीश जूनागढ़ का रहने वाला है।

मुंबई में ड्रग्स की सप्लाई

एटीएस ने बताया कि यहां जो ड्रग्स बनाए गए थे उसमें से चार किलो ड्रग्स मुंबई में किसी सलीम नाम के शख्स को भेजा गया है। एक टीम और भी इसकी तफ्तीश में गई है। एटीएस ने कुल मिलाकर 51 करोड़ रुपये का ड्रग्स सीज किया है।

कौन क्या काम करता था…

पुलिस ने बताया कि ड्रग्स बनाने का आइडिया सुनील नारायण का था। वो इसका मास्टरमाइंड है। विजय एक इलेक्ट्रिक्ल इंजीनियर है। दोनों ने मिलकर एक प्लांट बनाया था। हरीश भी इनका पार्टनर था। सुनील नारायाण यादव का काम था कि वो कच्चा माल लाता था और माल तैयार होने के बाद उसे बेचता था। विजय गजेरा ड्रग्स बनाता था। सूरत ग्रामीण में करेली गांव के बाहरी इलाके में इस फैक्ट्री का निर्माण किया गया था। यह रिहायशी इलाके से दूर था।

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